यूपी की राजधानी लखनऊ में हुए गोमती नदी फ्रंट घोटाले मामले में जांच सीबीआई करेगी। सीबीआई ने आठ इंजीनियर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है।
वर्तमान की योगी सरकार ने गोमती रिवर सौंदर्यीकरण परियोजना की जांच शुरू की थी। सौंदर्यीकरण का काम एसपी सरकार के समय हुआ था।
इस मामले को योगी सरकार सीबीआई को सौंपना चाहती थी। सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए जांच एजेंसी ने जांच संभाल ली है। जांच की सूचना के बाद सिंचाई विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले में सीबीआई ने जांच संभालते इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है।
इस योजना में एसपी सरकार के समय में जमकर धन बर्बादी और करोड़ों की लूट की गई है। इंजीनियरों ने भी इसका लाभ उठाया। जिसके चलते रिजल्ट ये है कि 747.49 करोड़ रूपए की परियोजना की लागत 1513.51 करोड़ रूपए तक पहुंच गई।
जिस पर योगी सरकार ने कड़ी आपत्ती जताते हुए न्यायिक आयोग को जांच सौंपा। जांच समिति ने खुलासा करते हुए रिपोर्ट में अनियमितताओं का संकेत दिया था। जिसके बाद यूपी पुलिस ने सिंचाई विभाग के आठ इंजीनियरों के खिलाफ जून में मामला दर्ज किया था। इनमे से चार इंजीनियर ऐसे थे जो रिटायर हो चुके हैं, बाकी चार इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है।